हरव्यक्ति अपने जीवन के एक निश्चित समय के पश्चात उस दौर में आता है जब वह पैसा कमानेलगता है या पैसा कमाना चाहता है। आजकल के युवाओका कुछ नया करने का जुनून देखते ही बनता है। परंतु ये ज़रूरी नहीं है की हम सब नया बिज़नसशुरू करने के लिए सक्षम हो और अगर नए बिज़नस की शुरुवात कर भी लेते है, तो उसे उसी तरहसे चलाये रखना भी आसान बात नहीं है। अगर कोई व्यक्ति अपना खुद का उद्योग शुरू करनाचाहता है तो उसके लिए ज़रूरत होती है अच्छी प्लानिंग की और एक अच्छे आईडिया की।
लघुउद्योग (छोटे पैमाने की औद्योगिक इकाइयाँ) वे होती है जो मध्यम स्तर के विनियोग कीसहायता से उत्पादन प्रारम्भ करती हैं। इन इकाइयों मे श्रम शक्ति की मात्रा भी कम होतीहै और सापेक्षिक रूप से वस्तुओं एवं सेवाओं का कम मात्रा में उत्पादान किया जाता है।ये बड़े पैमाने के उद्योगो से पूंजी की मात्रा, रोजगार, उत्पादन एवं प्रबन्ध, आगतोंएवं निर्गतो के प्रवाह इत्यादि की दृष्टि से भिन्न प्रकार की होती है।