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आटा चक्की का बिज़नेस, Flour Mill Business,कैसे कमाए लाखो रुपए, आटा उत्पादन उद्योग

आटा, अनाज के दानों को पीसकर प्राप्त हुआ एक पाउडर है। गेहूं का आटा भारतीय संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों में से एक हैं तथा यह नाना प्रकार की रोटी, डबल रोटी और पेस्ट्री आदि बनाने का प्रमुख संघटक है। आटे को प्राप्त करने के लिए अनाज को चक्की में पीसा जाता है। आटा पिसाई की इकाईयां सर्वाधिक परम्परागत इकाईयों में से एक है। स्थानीय आवश्यकताओं तथा बाजार की मांग को देखते हुए विभिन्न स्तरों पर आटा चक्कियां स्थापित की जा सकती हैं, जैसे घरेलू आटा चक्की, वाणिज्यिक आटा चक्की, बेकरी /मिनी फ्रलोर मिल तथा रोलर फ्रलोर मिल आदि। लगभग प्रत्येक ग्राम स्तर पर इस प्रकार की आटा चक्कियां लगाई जा सकती हैं। शहरी क्षेत्रों के लिए ये उतनी ही उपयोगी हैं जितनी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए।


मार्केट सर्वेक्षण

गेहूँ के आटे का प्रयोग चपातियां तथा अन्ये भुने हुए अनाज आधारित उत्पादों को बनाने में किया जाता है तथा यह कच्चे माल के रूप में ब्रेड, बिस्कुट, केक तथा बेकरी उत्पादों को बनानें के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। यह इकाई कम पूंजी द्वारा छोटे स्तर पर भी प्रारम्भ की जा सकती है तथा सरकार द्वारा यह उद्योग लघु उद्योग की सूची में आरक्षित किया गया है।

भारत में पैकेज गेहूं का आटा बाजार ने 1 9% की चोटी के चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) में बढ़कर स्थानीय चक्की मिलों में गेहूं पीसने की पुरानी आयु परंपराओं को तोड़ना शुरू कर दिया और इस दशक के अंत तक वर्तमान आकार को दोगुना हो सकता है।

पिछले तीन सालों से भारत में पैक गेहूं के आटे का बाजार लगभग 19% के सीएजीआर पर काफ़ी बढ़ रहा है। यदि विकास की गति एक समान रहती है तो बाजार मौजूदा वित्त वर्ष (2015-16) में 7500 करोड़ रुपये से अधिक की नई ऊंचाई को छू सकता है। मात्रा के संदर्भ में, पिछले वित्तीय वर्ष 2014-15 में भारत में पैक गेहूं का आटा बाजार 2,200,000 टन से अधिक था, जो पिछले तीन वर्षों में 15% की स्वस्थ दोहरे सीएजीआर से बढ़ रहा है ।

वर्ष 2014-15 के दौरान भारत में पैक गेहूं के आटे का प्रति व्यक्ति खपाना लगभग 1.85 किलोग्राम था। हालांकि, शहरी बाजार लगभग 5.5 किग्रा के साथ पैक गेहूं के आटे के प्रति व्यक्ति खपत में बढ़ रहा है ।


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